इस देश की सरकार भी गज़ब है ।
कश्मीर में अरबों खर्च करती है और लात खाती है और छत्तीसगढ सरकार से सुरक्षा का पैसा मांगती है ?
इस देश के कुछ क्षेत्र संवेदनशील हैं । कश्मीर और लाल बेल्ट।
लाल बेल्ट से यहाँ संदर्भ है नकसलवाद का । उस नकसलवाद का जिसे उसके
जनकों ने ही त्याग कर दिया इसलिए यहाँ उसे माओवादी कहना
उचित होगा । माओ याने चीन , माओवाद याने चीन का उसके देश के
बाहर अपना प्रभाव बनाने की कोशिश।
एक बड़ा अजीब गणित इस देश में चल रहा है दो धूर विरोधी शक्तियाँ
मिलजुल के काम कर रही है और उनका एक ही लक्ष्य है इस देश को
कमजोर करना ।
तथाकथित सफ़ेद शक्तियाँ यहाँ अपने धर्म को प्रचारित और विस्तारित
करने में लगी हैं वहीं उसी क्षेत्र में लाल शक्तियाँ उस क्षेत्र के अनमोल
भूगर्भीक धन पर नजरें गड़ायी बैठी हैं । जहां मकसद एक हो तो भले
ही विचार कितने ही विभिन्न हों , सामंजस्य बैठाना ही पड़ता है ।
इसपर से सोने पर सुहागा यह की इसके लिए फंड भी प्रवासी भारतियों
से, देश के नाम पर जुटाया जाना । एक संस्था साफ साफ कह रही है
की इंटेरनेट के आने से उनके धंधे में विपरीत प्रभाव पड रहा है ।
हमारे गुप्तचर संस्थान तो माँ बदोलत के इशारे पर काम करते हैं उनसे
कोई उम्मीद रखना ................
इस देश में लाल झण्डा तीन राज्यों में ही अपनी सरकार बना पाया है । केरल में तो समझ आता है की ज़्यादातर लोगों ने अपना धर्म बदल लिया है लेकिन बंगाल में क्या ?
यही सबसे बड़ा षड्यंत्र है लोग अपना धर्म बदल रहे हैं नाम नहीं ????????????
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