सोमवार, 9 मई 2011

छत्तीसगढ़ का "किंग" जिसके आगे मुख्यमंत्री भी बेबस!!






आपको शायद ये तस्वीर देखकर धुंधला धुंधला सा कुछ याद आये की कैसे एक अधिकारी और उसके सीए के यहाँ छापे में करोडो की सम्पति के ऐसे दस्तावेज मिले जो खरोरा के नागरिको के नाम पर थे ऐसे नागरिक जिन्होंने पैन कार्ड के लिए आवेदन किया और उनके नाम पर फैक्ट्रियां ज़मीन खरीदे गए और बैंक खाते बिना उनकी जानकारी के खोल दिए दिए गए । इस काम में सेन्ट्रल बैंक और उनके कर्मचारियों के साथ सीए के खरोरा में एक रिश्तेदार की भी भूमिका की चर्चा रही ।

इस घटना को साल भर से ज्यादा होने को आया इस एक साल में हुआ ये की इन अधिकारी महोदय बाबूलाल अग्रवाल को सस्पेंड करने का नाटक किया गया फिर अचानक वापस ले लिया गया और राजस्व मंडल में का सदस्य भी बना दिया गया । अभी कुछ दिनों पहले ये मुद्दा फिर चर्चा में था जब इन अधिकारी महोदय के रिश्तेदार और बैंक के मैनेजर सेन्ट्रल बैंक सीसीटीवी कैमरे पर दस्तावेजों से छेड़छाड़ करते पाए गए तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बयान दिया की इस मामले की रिपोर्ट लेंगे और दोषियों पर जल्द कार्यवाही होगी ।

पर जैसा की आप समझ सकते हैं हुआ कुछ भी नहीं और मुझे जो बात जो तकलीफ दे रही है की इस पूरे घटनाक्रम में सीए और उनके रिश्तेदार जो खरोरा में रहते हैं उन्होंने फिर से काम शुरू कर दिया ।

मेरा सवाल ये की क्या सभी पत्रकार इस मामले में अजीब सी चुप्पी क्यूँ साधे हुए हैं कोई कुछ नहीं करता कोई कुछ नहीं कहता जो इनका काम है अगर आप ये भी नहीं कर सकते तो पत्रकारिता क्या सिर्फ वसूली के लिए ही कर रहे हैं ? जैसा की रायपुर और आसपास के इलाके में आम बात है ।
मैं ये नहीं कहता की दोषी वही लोग हैं जिनका नाम लिया जा रहा है पर करोडो की संपत्ति और पैसो का लेनदेन हुआ है और इसकी जांच जरुरी है और जो भी दोषी हों उनको कम से कम कटघरे में खड़ा तो करें ।


अब क्या हर किसी को आमरण अनशन करना पड़ेगा या भगत सिंह चंद्रशेखर आज़ाद जैसे इन आधुनिक अंग्रेजों को गोली मारना ही विकल्प रह गया है एक आम आदमी के सामने ?

ये लेख बस इसलिए की शायद किसी के कान और दिल तक ये बात पहुंचे और शायद कोई सच कहने की हिम्मत दिखा सके अब यो पत्रकार हो या कोई आम आदमी ।

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5 टिप्‍पणियां:

Atul Shrivastava ने कहा…

सब एक ही थाली के चटटे बटटे हैं नवीन जी
क्‍या नेता क्‍या अफसर

girish pankaj ने कहा…

bilkul theek likha hai tumane...patrkaar vasoolee men vyast hai.

BTV ने कहा…

patrkaron ko gali bakna bahut aasan hai,magar ye batayen kya kisi doshi ko saza dena patrkaron ka kaam hai,likha to wasuli nahi likha to wasuli,aarop lagane ki paramapara to ram raj se chali aa rahi hai dhobi ho jana bahut aasan hai magar aaropon ko sach sabit karna utna hi katheen,raipur me patrkar wasuli me jute hue hai,dum hai to ekaadh ka naam bhi likh kar dikhate,han is bat se main bhi sahmat hun ki vyavstha charmara gayi hai aur iske liye sirf patrkaron ko gali den jayaj nahi hai.

नवीन प्रकाश ने कहा…

@ BTV
क्या बात है हर किसी को बस पत्रकारों को गाली देना ही लग रहा है !!! जबकि ऐसा है नहीं . मुद्दा पत्रकारों को गाली देना नहीं है मुद्दा है एक बहुत गलत बात के खिलाफ आवाज़ उठाना .
बुरा ये क्यूँ नहीं लगता की ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कुछ भी नहीं कर रहे हैं बुरा ये क्यूँ नहीं लगता की ऐसा काम करने वालों की हकीकत सामने नहीं ला रहे .
आपका काम है ऐसे लोगो के गंदे कामों के खिलाफ खड़े होना पर आप कर नहीं रहे हैं . क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं है ये ?
आप ये कीजिये फिर मुझे सौ गालियाँ दीजिये मुझे बिलकुल बुरा नहीं लगेगा .

सतीश कुमार चौहान ने कहा…

राम नाम की लूट हैं लूट सके तो लूट.....मीडिया तू भी मत जाना छूट लूट लूट , बेचारे मध्‍यम वर्गीय तू तो यहां रो फुट फुट ......सतीश कुमार चौहान भिलाई

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