संजीत जी का उत्तर गौर ए नज़र है, वैसे हमे तो "गोबर जो बन गयी छेना हा हा हा..." की हमरे स्कूल के दिनो की बात इस फोटू को देख के याद आ गयी. धन्यवाद नवीन जी.
खास नही दिख्ते हुये भी यह बेह्तरीन तस्वीर है,बन्जारा जीवन जी रहे लोगो की झोपडिया,गोबर को थाप कर कन्डो को सुखने के लिये रखे इन द्र्श्यो से ग्रामीण जीवन की जीवन्त झन्की दिख रही है,
9 टिप्पणियां:
पता नहीं
शायद यह हो
बी एस पाबला
dish tv ka antena....
m i right?
भई खास कहाँ...ये तो आम है :)
संजीत जी का उत्तर गौर ए नज़र है, वैसे हमे तो "गोबर जो बन गयी छेना हा हा हा..." की हमरे स्कूल के दिनो की बात इस फोटू को देख के याद आ गयी. धन्यवाद नवीन जी.
टीवी एन्टिना ही अलग सा दिख रहा है.
ye bharat ke votaron ka aashiyana hai jinke voton se sarkaren banti hain aur ye wahin ke wahin rah jaate hain, sirf sapne rah jaate hain inke paas.
अस्थायी तम्बू पर डिश एंटीना ।
.... बहुत खूब !!!
खास नही दिख्ते हुये भी यह बेह्तरीन तस्वीर है,बन्जारा जीवन जी रहे लोगो की झोपडिया,गोबर को थाप कर कन्डो को सुखने के लिये रखे इन द्र्श्यो से ग्रामीण जीवन की जीवन्त झन्की दिख रही है,
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