रविवार, 29 मई 2011
अब तो शर्म करो ..........
आज सुबह दैनिक भास्कर में ये खबर देखी ।
इसके बारे में पिछले दो पोस्ट में अपनी बात कहने का प्रयास कर ही चुका हूँ । पर शायद या तो लोग निष्पक्ष नहीं है या फिर शायद हिम्मत ही नहीं या फिर उनकी पानी मजबूरियाँ होगी ।
खैर अब देखना ये है क्या इस विनायक सेन और बाबूलाल अग्रवाल पर दोहरी नीति रखने वाली सरकार को शर्म आती है और वो इतनी हिम्मत दिखाए की इस पूरे पकरण में दोषियों को सजा दिला सके ??????
वरना जैसा की सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है "वो दिन दूर नहीं जब सड़कों पर भ्रष्टाचारियों की पिटाई होगी ।"
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मेरी आवाज़
गुरुवार, 26 मई 2011
अन्ना हज़ारे "सावधान"
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अग्निवेश,
अन्ना हज़ारे,
जन लोकपाल बिल
कश्मीर का आतंकवाद , आतंकवाद। नकसलवाद राज्य की समस्या । वाह रे यह देश
कश्मीर का आतंकवाद राष्ट्रिय समस्या और आधे से ज्यादा देश में फैला खूनी नकसलवाद राज्यों की समस्या। उसपर से केंद्र द्वारा केन्द्रीय सुरक्षा बलों के लिए राज्यों से पैसा मांगना।
धृतराष्ट्र कभी खत्म नहीं होता , शायद वह भी एक रक्त बीज है जो इस देश के सिंहासन पर काबिज है ।
देशद्रोह की सजा प्राप्त एक विवादास्पद व्यक्ति को योजना आयोग का सलाहकार बनाना और फिर काँग्रेस पार्टी का उससे यह कहकर पल्ला झाड़ना की इसके बारे में तो योजना आयोग जाने। योजना आयोग याने जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है । सरकार और प्रधानमंत्री किसका है ?
अन्ना हज़ारे को भी अपने सहयोगियों से सावधान रहना चाहिए जो नक्सलियों का केस लड़ रहे हैं ।
धृतराष्ट्र कभी खत्म नहीं होता , शायद वह भी एक रक्त बीज है जो इस देश के सिंहासन पर काबिज है ।
देशद्रोह की सजा प्राप्त एक विवादास्पद व्यक्ति को योजना आयोग का सलाहकार बनाना और फिर काँग्रेस पार्टी का उससे यह कहकर पल्ला झाड़ना की इसके बारे में तो योजना आयोग जाने। योजना आयोग याने जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है । सरकार और प्रधानमंत्री किसका है ?
अन्ना हज़ारे को भी अपने सहयोगियों से सावधान रहना चाहिए जो नक्सलियों का केस लड़ रहे हैं ।
मंगलवार, 24 मई 2011
देश, नक्सलवाद और काँग्रेस
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देश,
नकसलवाद,
राष्ट्रिय सुरक्षा
सोमवार, 16 मई 2011
आप करे तो कैरेक्टर ढीला है
रेडी फिल्म का गाना अभी चल ही रहा था की ये खबर भी आ गयी लगा की ये गाना और ये खबर बस एक दूजे के ही लिए बने हैं पर चूँकि ये खबर राजनीतिक है तो गाना जरा सा बदल गया है आप करें तो कैरेक्टर ढीला है ।
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मेरी आवाज़
सोमवार, 9 मई 2011
छत्तीसगढ़ का "किंग" जिसके आगे मुख्यमंत्री भी बेबस!!
आपको शायद ये तस्वीर देखकर धुंधला धुंधला सा कुछ याद आये की कैसे एक अधिकारी और उसके सीए के यहाँ छापे में करोडो की सम्पति के ऐसे दस्तावेज मिले जो खरोरा के नागरिको के नाम पर थे ऐसे नागरिक जिन्होंने पैन कार्ड के लिए आवेदन किया और उनके नाम पर फैक्ट्रियां ज़मीन खरीदे गए और बैंक खाते बिना उनकी जानकारी के खोल दिए दिए गए । इस काम में सेन्ट्रल बैंक और उनके कर्मचारियों के साथ सीए के खरोरा में एक रिश्तेदार की भी भूमिका की चर्चा रही ।
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