सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

बस एक चित्र


सिर्फ एक चित्र । शब्द क्यों नहीं ? तारीफ में कम पड़ेंगे इसलिए ।

5 टिप्‍पणियां:

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

वाह, इस जज्बे को सलाम

बेनामी ने कहा…

वाह!

बेनामी ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
कडुवासच ने कहा…

....इस जज्बे कि जितनी भी तारीफ़ की जाये कम है !!!!

Udan Tashtari ने कहा…

सार्थक प्रयास! साधुवाद!

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